नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट इतिहास में एक नया और कड़वा अध्याय जुड़ गया है। न्यूजीलैंड की टीम ने तीसरे टेस्ट मैच में 25 रनों से जीत दर्ज कर 3-0 से टेस्ट सीरीज अपने नाम कर ली। यह पहली बार हुआ है कि भारतीय टीम ने अपने घरेलू मैदान पर किसी तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में 3-0 से हार झेली है। 1933-34 में ब्रिटिश काल में भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में अपने घर में शिकस्त पाई थी, लेकिन यह पहली बार है जब न्यूजीलैंड ने इस ऐतिहासिक कारनामे को अंजाम दिया है।
जब तक ऋषभ पंत क्रीज पर थे, भारतीय टीम के पास जीत की संभावनाएं नजर आ रही थीं। पंत ने संघर्षपूर्ण पारी खेलते हुए 64 रन बनाए, लेकिन उनके विवादास्पद तरीके से आउट होते ही भारत की बल्लेबाजी ढह गई। इस हार से भारतीय टीम के नाम एक शर्मनाक रिकॉर्ड दर्ज हो गया है, और यह उसके कमजोर बल्लेबाजी प्रदर्शन का नतीजा माना जा रहा है।
न्यूजीलैंड का ऐतिहासिक प्रदर्शन
पहली पारी में न्यूजीलैंड की टीम को 235 रन पर रोकने के बाद भारत ने 263 रन बनाए, जिससे उसे पहली पारी में 28 रनों की बढ़त मिली। दूसरी पारी में भारतीय स्पिनरों, रविंद्र जडेजा और रविचंद्रन अश्विन ने कुल आठ विकेट चटकाए और न्यूजीलैंड को 174 रन पर सीमित कर दिया। भारत को जीत के लिए 147 रनों का लक्ष्य मिला, लेकिन कीवी गेंदबाजों के सामने भारतीय बल्लेबाजी एक बार फिर ढह गई।
रोहित शर्मा, यशस्वी जायसवाल, शुभमन गिल, विराट कोहली और सरफराज खान जैसे दिग्गज बल्लेबाज 29 रन के स्कोर पर ही आउट हो गए। पंत ने अकेले संघर्ष किया और टीम को 100 रनों के पार पहुंचाया, लेकिन उनकी कोशिश भी टीम को जीत दिलाने के लिए पर्याप्त नहीं थी। उनके आउट होते ही भारत 41 रनों के भीतर ढह गया और 25 रनों से हार गया।
न्यूजीलैंड चौथी टीम बनी
भारत में तीन से अधिक टेस्ट मैचों की सीरीज में जीतने वाली न्यूजीलैंड चौथी टीम बन गई है। इससे पहले इंग्लैंड ने चार बार, ऑस्ट्रेलिया ने तीन बार और वेस्ट इंडीज ने एक बार यह उपलब्धि हासिल की थी। न्यूजीलैंड ने पहली बार किसी टेस्ट सीरीज में तीनों मैच जीते हैं, चाहे वह घरेलू हो या विदेशी।
टीम इंडिया के लिए चेतावनी का संकेत
रोहित शर्मा की कप्तानी में यह हार भारतीय टीम के लिए एक बड़ी चेतावनी है। भारतीय बल्लेबाजों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा और इस हार के बाद टीम की रणनीतियों और खिलाड़ियों की मानसिकता पर सवाल उठने लगे हैं। न्यूजीलैंड के गेंदबाजों ने पूरे सीरीज में भारतीय बल्लेबाजी क्रम को लगातार दबाव में रखा और यही वजह है कि भारतीय टीम को यह शर्मनाक हार झेलनी पड़ी।
भारत को अब अपनी रणनीतियों में सुधार करने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में इस तरह की हार से बचा जा सके।