गौतम गंभीर के फैसलों पर सवाल: क्या कोचिंग और मेंटरशिप में हितों का टकराव?

मुंबई, 5 नवंबर 2024 – भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व ओपनर और कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) के मेंटर गौतम गंभीर के निर्णयों पर सवाल उठने लगे हैं। हाल ही में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने गंभीर को भारतीय क्रिकेट टीम का मुख्य कोच नियुक्त किया, जिससे टीम की नई सफलता की उम्मीदें बढ़ी थीं। लेकिन न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में मिली हार के बाद गंभीर की कोचिंग शैली पर आलोचनाओं का दौर शुरू हो गया है।

हालात तब गंभीर हो गए जब बीसीसीआई ने आखिरी टेस्ट मैच के लिए दिल्ली के तेज गेंदबाज हर्षित राणा को भारतीय टीम में शामिल करने की घोषणा की। राणा को भारतीय टीम में शामिल करने के फैसले ने क्रिकेट विशेषज्ञों और फैंस के बीच विवाद खड़ा कर दिया। 31 अक्टूबर को IPL रिटेंशन की आखिरी तारीख थी, और इस बात का अंदेशा है कि गंभीर ने राणा को टीम इंडिया में शामिल करके केकेआर के फाइनेंशियल फायदे का रास्ता आसान किया।

राणा के टीम में चयन का विवाद

हर्षित राणा, जो इस साल के IPL में केकेआर के लिए प्रभावशाली प्रदर्शन कर चुके हैं, अब तक भारतीय क्रिकेट टीम के लिए अनकैप्ड खिलाड़ी थे। अनकैप्ड खिलाड़ियों को रिटेन करने के लिए फ्रेंचाइजी को ₹1 करोड़ से अधिक खर्च नहीं करना पड़ता। अगर राणा ने भारतीय टीम में डेब्यू कर लिया होता, तो केकेआर को उन्हें रिटेन करने के लिए अधिक खर्च करना पड़ता। इस फैसले को गंभीर की कोचिंग की निष्पक्षता और केकेआर के प्रति निष्ठा पर सवाल उठने लगे हैं।

पहले भी उठे थे सवाल

गंभीर पर यह पहला आरोप नहीं है। इसी महीने बांग्लादेश के खिलाफ हुई टी-20 सीरीज में भी राणा के खेलने की संभावना थी, लेकिन अचानक राणा को बीमार बता दिया गया, जिससे वे डेब्यू नहीं कर पाए। इसके बाद अगले ही दिन उन्हें फिट अवस्था में भारतीय टेस्ट टीम के ट्रेनिंग कैंप में देखा गया। यह परिस्थिति सवाल खड़े करती है कि क्या IPL रिटेंशन को ध्यान में रखते हुए राणा का डेब्यू टाल दिया गया था। अब मुंबई में होने वाले टेस्ट मैच के लिए राणा को टीम में शामिल करना इस विवाद को और बढ़ा रहा है।

सोशल मीडिया पर भी उठ रहे हैं सवाल

सोशल मीडिया पर कई फैंस और क्रिकेट विश्लेषकों ने बीसीसीआई से इस फैसले की पारदर्शिता पर सवाल पूछे हैं। क्या गंभीर अपनी कोचिंग के पद का फायदा उठाकर केकेआर को लाभ पहुंचा रहे हैं? क्या यह हितों का टकराव (कॉन्फ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट) नहीं है? इस विषय पर अभी तक बीसीसीआई की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

हर्षित राणा की काबिलियत पर कोई शक नहीं

हर्षित राणा को भारतीय घरेलू क्रिकेट में एक तेज गेंदबाज के रूप में जाना जाता है, जो अपनी रफ्तार और उछाल से बल्लेबाजों को परेशान कर सकते हैं। रणजी ट्रॉफी के एक हालिया मुकाबले में राणा ने पांच विकेट लेने के साथ एक अर्धशतक भी लगाया था। इससे उनकी प्रतिभा पर कोई संदेह नहीं है।

क्या गंभीर पर लगे आरोप हैं जायज़?

इस पूरे मामले पर विशेषज्ञों की राय बंटी हुई है। कुछ का मानना है कि यह सब महज एक संयोग हो सकता है, जबकि अन्य इसे गंभीर मुद्दा मानते हैं। अगर 1 नवंबर को राणा मुंबई टेस्ट में डेब्यू करते हैं, तो यह सवाल और भी गहरे हो जाएंगे कि क्या गंभीर भारतीय टीम और केकेआर दोनों के प्रति समान रूप से न्याय कर रहे हैं या नहीं।

निष्कर्ष

यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या बीसीसीआई गंभीर के फैसलों पर कोई कदम उठाता है। गंभीर की कोचिंग की इस तरह की घटनाएं भारतीय क्रिकेट के लिए अच्छा संकेत नहीं हैं, और यह देखना जरूरी होगा कि क्या इस विवाद का टीम पर असर पड़ता है।

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